किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी नील गाय

किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी नील गाय

सरकार एवं वन विभाग से नीलगाय की आतंक से निजात एवं मुआवजा की कर रहे मांग

समस्या का समाधान नहीं होने पर खेती बंद करने की कही बड़ी बात

बलराम शर्मा

मेराल : प्रखंड के दर्जनों गांवों में इन दिनों नीलगाय के आतंक से किसानों को जूझना पड़ रहा है। झूंडों में आकर नीलगाय फसलों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। ठंड के कारण किसान फसलों की रखवाली करने में मुस्तैद नहीं रह पा रहे हैं जिसका लाभ नीलगाय उठाने में लगे हैं। जो किसानों की परेशानियों का सबब बनता जा रहा है।

प्रखंड के चामा, देवगाना, कजराठ, हासनदाग, करकोमा, रेजो, मेराल, बाना सहित दर्जनों गांवों के किसान इसके भुक्तभोगी हो रहे हैं।रेजो गांव के किसान अलखनारायण चौबे, राजीव रंजन चौबे,अवध किशोर चौबे, सूर्यदेव चौबे, रामाशंकर चौबे, गुलाब चौधरी, रामेश्वर राम, महेंद्र चौधरी, राजन चौधरी, हासनदाग गांव के किसान रंजीत चौबे, दुखन चौधरी, विवेकानंद चौबे, बृजमोहन चौबे, यासीन अंसारी, करकोमा गांव के किसान गौरीशंकर तिवारी, भारत-भूषण तिवारी, लक्ष्मण चौधरी सहित कई किसानों ने बताया कि वे लोग बैंक से केसीसी ऋण लेकर आलु, गेहूं, अरहर, चना आदि फसल लगाए हैं जिसे नीलगाय झुंड में पहुंच कर फसल को बर्बाद कर रहे है।

जानकारी के बावजूद मौन है अधिकारी किसानों का कहना है कि सैकड़ो एकड़ में लगे करोड़ों रुपए के फसलों की बर्बादी की जानकारी जिले के आला अधिकारी एवं वन विभाग को है परंतु सभी मौन धारण किए हुए हैं। किसानों ने अपने रहनुमा जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से नीलगाय से फसल बचाव का उपाय एवं मुआवजा दिलाने की मांग किया है। समस्या का समाधान नहीं होने पर किसानों ने खेती करना बंद करने की धमकी देते हुए कहा कि इसके बाद हमारे भरण-पोषण करने की जवाबदेही विभाग के अधिकारियों तथा सरकार को लेनी पड़ेगी।