आंगनबाड़ी केंद्र महीनों से बंद,नौनिहालों का भविष्य अधर में

जितेंद्र यादव
डंडई: प्रखंड के रारो पंचायत के तुमिया आदिवासी टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है। केंद्र के बंद रहने से छह वर्ष से कम उम्र के बच्चे न तो बुनियादी शिक्षा पा रहे हैं और न ही पोषण आहार का लाभ उठा पा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी सेविका चिंता कुमारी सिंह केंद्र पर शायद ही कभी आती हैं। अधिकांश समय केंद्र का ताला बंद ही मिलता है।
ग्रामीण अरुण सिंह, अनिल सिंह, रुपेश सिंह, भुखन सिंह, गोविंद सिंह, दुर्गावती देवी समेत अन्य लोगों ने बताया कि यह केंद्र बीते 3 से 4 महीने से पूरी तरह बंद है। केवल 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए बच्चों को बुलाया गया था, उसके बाद से केंद्र नहीं खुला। लोगों का कहना है कि केंद्र बंद रहने से छोटे-छोटे बच्चे आंगनबाड़ी आना ही छोड़ चुके हैं। सरकार जिन उद्देश्यों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र चलाती है—बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देने और पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए—वह दावा पूरी तरह फेल साबित हो रहा है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि पोषाहार कभी-कभार ही बंटता है और वह भी सभी बच्चों तक नहीं पहुंचता। आरोप है कि सेविका स्वयं पोषाहार का दुरुपयोग कर रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की सही तरीके से निगरानी और मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति बनी हुई है। नतीजा यह है कि बच्चों को सरकार की ओर से मिलने वाली किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में पहले भी बाल विकास परियोजना कार्यालय में शिकायत की गई थी।
उस समय प्रवेक्षिका ने मौके पर पहुंचकर सुधार का निर्देश दिया था, लेकिन स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। पूछे जाने पर सेविका चिंता कुमारी सिंह ने कहां की इन दिनों पोषाहार वितरण के लिए फेस केवाईसी की प्रक्रिया चलाई जा रही है। उसी में व्यस्त रहने के कारण केंद्र पर नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो पा रही हूँ।