कांडी प्रखंड का हेठार इलाका तीसरी बार बाढ़ में डूबा

कांडी प्रखंड का हेठार इलाका तीसरी बार बाढ़ में डूबा

किसानों की फसलें हुई चौपट, जिला प्रशासन करे नुकसान का आकलन : धीरज दूबे

बंशीधर न्यूज

कांडी : प्रखंड अंतर्गत हेठार इलाका इस वर्ष तीसरी बार बाढ़ की चपेट में आ गया है। लगातार बारिश और नदियों के उफान के कारण गांवों में पानी घुस गया है, जिससे स्थानीय किसानों की तैयार फसलें बर्बाद हो गई। धान, मक्का और दलहन जैसी मुख्य फसलों के खेत पानी में डूब जाने से ग्रामीणों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। खेतों में महीनों की मेहनत पलक झपकते ही बर्बाद हो जाने से किसान मायूस और हताश हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि यह तीसरी बार है जब कुछ ही महीनों के भीतर बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ा है। कई गांवों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। खेतों में जमा पानी की वजह से न केवल फसलें नष्ट हो रही हैं, बल्कि मवेशियों के चारे की भी भारी कमी हो गई है। लोग बताते हैं कि अगर तत्काल राहत और मुआवजे की व्यवस्था नहीं की गई तो किसानों के सामने जीविका संकट गहराता जायेगा।

इस मसले पर झामुमो मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने जिला प्रशासन से फसलों के नुकसान का तत्काल आकलन कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हेठार इलाका बार-बार बाढ़ की चपेट में आ रहा है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठते नजर नहीं आ रहे। किसानों की हालत बेहद दयनीय है। जिला प्रशासन को तुरंत विशेष टीम भेजकर नुकसान का सर्वे कराना चाहिये और प्रभावित किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराना चाहिये।

श्री दूबे ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर ऐसी दीर्घकालिक योजना तैयार करनी चाहिये, जिससे हर वर्ष किसानों को इस तरह की आपदा से जूझना न पड़े। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग किया कि सोन-कोयल तटीय इलाके में नदी किनारे तटबंध बनाया जाय ताकि कृषि योग्य भूमि का कटाव बंद हो एवं सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी में समाहित होने से बचाया जा सके।