डंडई के कई गांव में जंगली हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दहशत में

डंडई के कई गांव में जंगली हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दहशत में

हाथियों के उत्पात से गांवों में हड़कंप,रात में खेतों को रौंदकर कई किसानों की मेहनत पर पानी फेरा

जितेन्द्र यादव

डंडई: प्रखंड क्षेत्र के तसरार पंचायत अंतर्गत जनजातीय बहुल गांव चकरी, कपराठ, महुदंड, टोरी और लौरा सिकरिया इन दिनों जंगली हाथियों के आतंक बना हुआ है। हाथियों के झुंड की आवाजाही से ग्रामीण पूरी तरह खौफ में जीने को मजबूर हैं। हाथियों का झुंड रात होते ही गांवों में प्रवेश कर फसलों को रौंद रहा है। आलम यह है कि ग्रामीण अपने घरों में दुबककर रात काटने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठा होकर टॉर्च और मशाल जलाकर हाथियों को भगाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन इन प्रयासों का कोई असर नहीं पड़ा। हाथियों का झुंड निडर होकर रोजाना गांवों में उतर आता है और खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद सुबह जंगल की ओर लौट जाता है।बुधवार की देर रात टोरी गांव के हरैयाटांढ इलाके में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया।

देखते ही देखते कई किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। इस दौरान हाथियों ने किसान प्रमेश्वर यादव के 8 काठा में धान की फसल को पूरी तरह रौंदकर तहस-नहस कर दिया गया।इसी तरह अमर यादव के पांच कट्ठा, बैजनाथ चौधरी के पांच कट्ठा और भगवान यादव के करीब चार कट्ठा धान की फसल को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। इसके अलावा आसपास के खेतों में लगी धान व मक्का फसल भी रौंदी गई, जिससे दर्जनों किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

हाथियों के लगातार उत्पात से किसान और ग्रामीण भयभीत हैं। खेतों की रखवाली करना उनके लिए चुनौती बन गया है। स्थानीय लोगों ने रातभर मशालें जलाकर, लकड़ी फूंककर और टायर जलाकर शोर मचाते हुए किसी तरह हाथियों को गांव से खदेड़ा। इसके बावजूद हाथियों का झुंड आसपास के इलाकों में डेरा डाले हुए है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल हस्तक्षेप करने, हाथियों को सुरक्षित तरीके से गांव से दूर भगाने और नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की है।

इस मामले में रेंजर गोपाल चंद्रा ने बताया कि जिन-जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उसका मुआयना विभागीय कर्मचारियों द्वारा कराया जाएगा। इसके बाद प्रभावित किसानों को सरकारी प्रावधान के अनुसार अविलंब मुआवज़ा दिया जाएगा।